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ईश्वर के चरणों में कर्म समर्पण: वेदों, उपनिषदों और शास्त्रों का अध्ययन करें, ध्यान और समाधि लगाएं, और संसार से वैराग्य प्राप्त करें। फिर सन्यास लेकर ज्ञान दें।
मोक्ष के लिए समय सारणी: हां, जीवन में समय से पढ़ाई, शादी, और करियर पूरा करें, ताकि मोक्ष की ओर बढ़ सकें।
निष्काम कर्म: निष्काम कर्म तब होता है जब आप मोक्ष के लिए कार्य करते हैं, न कि सांसारिक लाभ के लिए। सेवा केवल अगर आत्मसुख के लिए की जाए तो वह सकाम कर्म होगा।
वानप्रस्थ में वन जाना जरूरी है?: वानप्रस्थ का मतलब है घर छोड़कर साधना करना। यदि वन में जाना संभव नहीं, तो आश्रम बनाकर साधना करें।
कर्म करो, फल की चिंता मत करो: श्री कृष्ण के अनुसार, कर्म करने से फल निश्चित रूप से मिलता है, चिंता नहीं करनी चाहिए।
मोक्ष के लिए ब्रह्मचर्य या अन्य मार्ग: तीन मार्ग हैं—ब्रह्मचर्य में वैराग्य हो तो तपस्या करें, गृहस्थ जीवन में बैराग्य हो तो सन्यास लें, और वानप्रस्थ के बाद सन्यास लें।